छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में बुधवार को चार नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है. उनके पास से भारी मात्रा में विस्फोटक जब्त किया गया है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि चारों नक्सलियों को जिले के भैरमगढ़ पुलिस थाना क्षेत्र के पोंडुम गांव के जंगल के पास से पकड़ा गया है.
जानकारी के मुताबिक, पुलिस दल नक्सल विरोधी अभियान पर निकला था. तभी सुक्कू हपका उर्फ पुलल उर्फ पटेल, मन्नू हपका, लच्छू माडवी और कोसल माडवी उर्फ गुलाब की गतिविधि देखी गई. पुलिस दल ने उन्हों चारों तरफ से घेरकर पकड़ लिया. उनके पास भारी मात्रा में विस्फोटक मौजूद था.
पुलिस ने उनके पास से एक टिफिन बम, एक कॉर्डेक्स तार, एक स्विच और उत्खनन सामग्री जब्त की है. उन्हें स्थानीय अदालत ने जेल भेज दिया है. पटेल पुलाडी क्रांतिकारी जन समिति के तहत 'जनता सरकार' का प्रमुख था, जबकि कोसल इसका सदस्य था. मन्नू मिलिशिया डिप्टी कमांडर था.
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिलों में फॉरवर्ड बेस खोलने का काम शुरू किया है. इसके तहत बस्तर क्षेत्र के माओवादी हिंसा प्रभावित जिलों में तीन नए बेस खोले हैं, ताकि सुरक्षा बलों को तीव्र नक्सल विरोधी अभियान शुरू करने के लिए रणनीतिक केंद्र मिल सके.
सुकमा जिले के तुम्पलपाड़ और रायगुडेम, बीजापुर जिले के कोंडापल्ली में फॉरवर्ड बेस बनाए गए हैं. पिछले एक सप्ताह में इन बेस को चालू किया गया है. केंद्रीय बल राज्य के नक्सली प्रभावित क्षेत्रों में पैठ बनाने की रणनीति पर काम कर रहा है, जहां वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) के खिलाफ अंतिम लड़ाई चल रही है.
बस्तर क्षेत्र के तुम्पलपाड़, रायगुडेम और कोंडापल्ली गांव दशकों से माओवादियों की मदद करने का काम करते रहे हैं. कोंडापल्ली नक्सलियों की सबसे महत्वपूर्ण पीएलजीए बटालियन नंबर 1 के लिए एक महत्वपूर्ण भर्ती केंद्र हुआ करता था. तालपेरू नदी के तट पर स्थित ये गांव ट्रेनिंग सेंटर के रूप में काम करता था.
इसी तरह, चिंतावागु नदी के तट पर स्थित तुमलपाड़ नक्सलियों के लिए गलियारे के रूप में काम करता था. तुमलपाड़ एफओबी का संचालन सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन द्वारा किया गया था, जबकि कोंडापल्ली बेस का निर्माण 170वीं बटालियन द्वारा किया गया है.
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